दिलचस्प रहे इस बार उत्तराखंड के पंचायत चुनाव: पति-पत्नी, सगे भाई, देवरानी-जेठानी से लेकर 21-22 साल के युवाओं को मिली जीत

देहरादून: उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहे। चुनावों में कई स्थानों पर दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले, वहीं कुछ जगहों पर नए चेहरों ने जीत दर्ज कर अनुभवी नेताओं को चौंका दिया। महिला उम्मीदवारों की सक्रिय भागीदारी भी इन चुनावों की एक विशेष बात रही। इस […] The post दिलचस्प रहे इस बार उत्तराखंड के पंचायत चुनाव: पति-पत्नी, सगे भाई, देवरानी-जेठानी से लेकर 21-22 साल के युवाओं को मिली जीत appeared first on Devbhoomisamvad.com.

Aug 3, 2025 - 09:53
 58  106.5k
दिलचस्प रहे इस बार उत्तराखंड के पंचायत चुनाव: पति-पत्नी, सगे भाई, देवरानी-जेठानी से लेकर 21-22 साल के युवाओं को मिली जीत

दिलचस्प रहे इस बार उत्तराखंड के पंचायत चुनाव: पति-पत्नी, सगे भाई, देवरानी-जेठानी से लेकर 21-22 साल के युवाओं को मिली जीत

देहरादून: उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहे। चुनावों में कई स्थानों पर दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले, वहीं कुछ जगहों पर नए चेहरों ने जीत दर्ज कर अनुभवी नेताओं को चौंका दिया। महिला उम्मीदवारों की सक्रिय भागीदारी भी इन चुनावों की एक विशेष बात रही। इस बार युवाओं, महिलाओं और पारिवारिक रिश्तों की भागीदारी ने चुनाव को खास बना दिया। पति-पत्नी, देवरानी-जेठानी, सगे भाई और 21-22 वर्ष की उम्र के युवा पहली बार लोकतंत्र की बागडोर संभालने आगे आए।

युवाओं की पारिवारिक चुनौतियों का सामना

इन चुनावों में ऐसी कई कहानियाँ देखने को मिलीं जहाँ पारिवारिक रिश्तों का भी अच्छा खासा प्रतिध्वनित हुआ। जैसे कि देहरादून के रायपुर ब्लॉक में दो सगे भाई राहुल और अरविंद मनवाल ने चुनाव जीते। राहुल ने ग्राम प्रधान पद पर जीत हासिल की, जबकि अरविंद ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का पद पाया। दोनों भाइयों ने अपनी सफलता का श्रेय गांववासियों को दिया और विकास का आश्वासन दिया।

महिलाओं की निर्णायक उपस्थिति

महिलाओं ने भी इस बार चुनावों में अपनी पहचान बनाई है। टिहरी गढ़वाल के गांव नकोट गुसाईं की 21 वर्षीय कंचन ने सबसे कम उम्र की प्रधान बनने का खिताब हासिल किया। इसके अलावा, कई अन्य युवा महिला प्रत्याशियों ने भी गांव के विकास के लिए स्वच्छ सोच के साथ आगे आकर जीत दर्ज की।

युवाओं का नया जनादेश

चमोली के आदर्श ग्राम सारकोट की प्रियंका नेगी, जो 21 साल की हैं, ने प्रधान पद पर जीत दर्ज की। उनके पिता पूर्व में प्रधान रह चुके हैं, जो दर्शाता है कि यह चुनाव एक कड़ी के रूप में चल रहा है। इसी प्रकार, अल्मोड़ा के चौखुटिया ब्लॉक में 21 वर्षीय निकिता ने बीडीसी सदस्य के रूप में जीत हासिल की और उन्होंने शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने की दिशा में काम करने की बात कही।

परिवारिक रिश्तों का संगम

अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक में पति-पत्नी सुमित और कविता साह ने एक साथ पंचायत चुनाव जीते। सुमित प्रधान बने और कविता ने बीडीसी में जीत हासिल की। यह एक अनूठा उदाहरण है जहाँ एक ही परिवार के दो सदस्य शासन में आए हैं। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक सकारात्मक संकेत दर्शाता है।

टाई होने पर टॉस, पर्ची और लॉटरी से निर्णय

कई स्थानों पर चुनाव परिणाम टाई होने के कारण टॉस या पर्ची प्रणाली से निर्णय लिए गए। इससे यह रूपरेखा बनती है कि लोकतंत्र में हर एक वोट का प्रभाव कितना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, चमोली जनपद के ग्राम पंचायत कोट में रजनी देवी ने 1 मत के अंतर से जीत दर्ज की।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, उत्तराखंड के पंचायत चुनाव ने एक नई छवि को उजागर किया है। जहां पारिवारिक रिश्तों, युवा भागीदारी और महिलाओं की सशक्तता ने समग्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नया आयाम जोड़ा है। यह चुनाव निश्चित रूप से भविष्य में नए नेतृत्व को प्रेरित करेगा।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि इन चुनावों ने न केवल लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि युवा, महिला और पारिवारिक सदस्य इस दिशा में बड़ा योगदान दे सकते हैं।


Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - pwcnews

Written by: Aishwarya Sharma, Priya Singh, and team pwcnews.

Keywords:

panchayat elections, Uttarakhand elections, women's participation, youth engagement, family relationships, democracy, village governance, new leadership, election results, grassroots politics

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow