बकाया Home Loan वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में ₹33.53 लाख करोड़ रहा, एक साल में इतना बढ़ा
30 सितंबर, 2024 तक बकाया व्यक्तिगत होम लोन में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी का हिस्सा 39 प्रतिशत, एमआईजी का 44 प्रतिशत और एचआईजी का 17 प्रतिशत था।

बकाया Home Loan वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में ₹33.53 लाख करोड़ रहा, एक साल में इतना बढ़ा
वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में भारत में बकाया होम लोन की राशि ₹33.53 लाख करोड़ के स्तर तक पहुँच गई है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है, जो भारतीय रियल एस्टेट और वित्तीय बाजार की स्थिरता को इंगित करता है। इस वृद्धि का मुख्य कारण विभिन्न आर्थिक कारकों, जैसे कि ब्याज दरों में परिवर्तन और संपत्ति की बढ़ती मांग है।
बकाया होम लोन में वृद्धि के कारक
वित्त वर्ष 2023 में बकाया होम लोन की वृद्धि के पीछे कई कारण शामिल हैं। सबसे पहले, विकसित हो रहे नगरों में आवास की मांग में वृद्धि हो रही है। लोग अधिक से अधिक घर खरीदने के लिए ऋण लेने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
दूसरे, सरकार की आवास योजनाएं और नीतियां, जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना, ने भी इस क्षेत्र को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, नई ब्याज दर नीतियां, जो कि सस्ती होम लोन की पेशकश करती हैं, ने बाजार में एक नया जीवन डाला है। इस परिवर्तन से बकाया होम लोन की राशि में भी वृद्धि हुई है।
भारत का रियल एस्टेट बाजार
भारत का रियल एस्टेट बाजार एक महत्वपूर्ण आर्थिक कारक है जो भारत के जीडीपी में योगदान देता है। बकाया होम लोन की वृद्धि दर्शाती है कि नागरिकों का विश्वास अब भी इस क्षेत्र में बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में और भी अधिक विकास होगा, जिससे नौकरी और निवेश के नए अवसर आएंगे।
निष्कर्ष
वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में बकाया होम लोन का आंकड़ा ₹33.53 लाख करोड़ तक पहुँचना न केवल बकाया लोन में वृद्धि को दर्शाता है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिरता को भी इंगित करता है। भारत में रियल एस्टेट को लेकर जो सकारात्मक रुख है, उसे देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में बाजार और मजबूत होगा।
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