यूपीएससी की परीक्षा पास कर असिस्टेंट कमांडेंट बने उत्कर्ष और हर्ष
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा जारी परिणाम की सूची में जनरल कैटेगरी में हर्ष पांडे ने 339वीं तथा उत्कर्ष

यूपीएससी की परीक्षा पास कर असिस्टेंट कमांडेंट बने उत्कर्ष और हर्ष
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा जारी परिणाम की सूची में जनरल कैटेगरी में हर्ष पांडे ने 339वीं तथा उत्कर्ष तिवारी ने देशभर में 207वीं रैंक प्राप्त की है। यह दो होनहार युवा अब असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नियुक्ति के लिए योग्य हो गए हैं।
यूपीएससी परीक्षा की महत्वता
यूपीएससी परीक्षा भारत में सिविल सेवाओं में भर्ती के लिए एक प्रतिष्ठित परीक्षा है। यह परीक्षा उन युवाओं के लिए एक अवसर प्रदान करती है जो देश की सेवा करना चाहते हैं। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करना एक बहुत कठिन कार्य है, जो केवल समर्पण और मेहनत से संभव है। हर्ष और उत्कर्ष ने अपने संघर्ष और मेहनत के जरिए इस लक्ष्य को हासिल किया है।
उत्कर्ष तिवारी और हर्ष पांडे का परिचय
उत्कर्ष तिवारी, जो कि नैनीताल से हैं, ने अपनी मेहनत से 207वीं रैंक प्राप्त की है। उनके पिता एक शिक्षक हैं, जिन्होंने हमेशा शिक्षा और ज्ञान के प्रति प्यार को बढ़ावा दिया। दूसरी ओर, हर्ष पांडे, जो रामनगर से हैं, ने 339वीं रैंक हासिल की। उनके पिता एक पत्रकार हैं, जिन्होंने हमेशा अपने बेटे को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। यह दोनों ही युवा समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि कैसे सही मार्गदर्शन और समर्थन से अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
परिवार और समर्थन
हर्ष और उत्कर्ष के परिवारों ने उनके सफलता के सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा के प्रति उनके घर में जो माहौल था, उसने उन्हें प्रेरित किया। उनका परिवार उनके संघर्ष के हर चरण में उनके साथ रहा है, जो कि उनकी सफलता के पीछे का मुख्य कारण है।
भविष्य की योजनाएं
उत्कर्ष और हर्ष अब अपने नए जिम्मेदारियों के लिए तत्पर हैं। वे दोनों इस पद पर काम करते हुए अपने कौशलों को और विकसित करने की योजना बना रहे हैं। उनकी सोच है कि एक असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में वे देश की सेवा कर सकते हैं।
समापन
यूपीएससी की परीक्षा पास करके असिस्टेंट कमांडेंट बने उत्कर्ष और हर्ष न केवल अपने लिए बल्कि अपने क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और परिवारिक समर्थन से यह प्रमाणित होता है कि कठिन परिश्रम और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
अगली बार जब आप यूपीएससी परीक्षा के बारे में सोचें, तो याद रखें कि सफलता की कहानी में मेहनत और लगन का महत्वपूर्ण स्थान है। उम्मीद है कि हर्ष और उत्कर्ष की सफलता अन्य युवाओं को भी अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी।
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